शनिवार, 31 अगस्त 2013

बजट : सबसे बड़ा रूपैया

बजट : सबसे बड़ा रूपैया


परिवार का बजट
महीने में एक बार
बनता है...........!
शेष दिनों में यह तो
केवल बिगडता है...!
सरकार का बजट
सालों भर बनता है
लेकिन
हर तीसरे महीने  के
अंत में प्रस्तुत होता है..!
समय बीतता जाता है
महीना-साल गुजरकर
बनती शताब्दी वर्ष को
दूर से ही चिढाता है ..!
सोना भी तो सिक्का बन
सरकार की शोभा बढाते हैं-
डालर-यूरो-पोंड-एन से
रोज ही दूरी बढाते हैं..!
सबकी हस्ती मिटती नहीं 
भारत की बस्ती में .....!
क्योकि वे गढते है कहानी
करोड़पति की मस्ती में ..!
वित्त-लोक से साझा करता
गटक जाते हैं सिक्का वे
कथनी-करनी; सूझ-बूझ का
देते है-टिक्का वे...!
आम बजट बना अब खास
गयी दिवाली होली में भी
नहीं आया मधुमास....!
गया बेचारा रूपया लेकर
रोज साँझ वह किसान
मजदूरी के प्रेम में
लंबी-चौड़ी फरमाईश में
गया बाजार लाई रस्सी
बजट की महिमा अपार है
बनते-रोज-रोज वह खस्सी |
खाकर-पीकर नेता आते
जेल में रहकर जीत ही जाते
लाल निशान होंगे भगवान
हो जाते हैं करूणानिधान |
क्रमशः

 डॉ. मनजीत सिंह
31/08/13

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