सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

आज का सुविचार

जब मनुष्य अपने जीवन में आयी बाधाओं से त्वरित परिणाम न मिल पाने के कारण निराश होने लगता है, तब वह अंतर्मुखी होकर स्व की आभा से दीप्त होकर असहज महसूस करने लगता है | लेकिन इसके विपरीत संघर्ष करते हुए वह अपनी मंजिल प्राप्त कर लेता है |

डॉ. मनजीत सिंह

14.10.13


बिहाने बिहाने

आधुनिक समाजवाद

आधुनिक समाजवाद राजनैतिक आवरण से पूर्णतः परिवर्तित हो चुका है...जब इसे हमारे तथाकथित राजनेता सुरक्षा कवच के रूप में अपनाकर सुधार की बात करते हैं, तो एक ही स्वर सुनाई देता है, जिसका परिणाम भयावह और कष्टकारी होता है |

डॉ. मनजीत सिंह


12.10.13



बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

प्रकृति के मनोरम दृश्य हमें आकर्षित करते हैं लेकिन जनमानस इसके साथ दोयम व्यवहार करके विकर्षण भाव पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ता | ऐसे में उन दृश्यों का आभासी प्रतिबिम्ब बनना लाजमी है, जो वास्तविक जीवन से काफी दूर धुधला दिखाई देता है |

डॉ. मनजीत सिंह

11.10.13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

व्यक्ति के जीवन में आये परिवर्तनों के लिए जन्मजात प्रत्ययों के साथ ही परिवेशगत यथार्थ के आत्मसातीकरण को भी नाकारा नहीं जा सकता क्योंकि यही यथार्थ हमें सामान्य और विशेष में अंतर करन सिखाता है |

डॉ. मनजीत सिंह

10.10.13


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अंध श्रद्धा और अंध भक्ति व्यक्तित्व विकास में बाधक होती है ।

डॉ. मनजीत सिंह

09.10.13


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काला धन जहर की भाँति शारीरिक और मानसिक तंत्रों को अपने आगोश में लेता है, जिसकी अंतिम परिणति असाध्य रोग की तरह ही प्राप्त होता है ।

डॉ. मनजीत सिंह

08.10.13


बिहाने बिहाने

समाजवाद

भारत में गरीब और गरीबी को आश्रय देने वाला समाजवाद का वर्तमान स्वरूप चिंताजनक है | साम्प्रदायिकता-ओछी राजनीति और व्यक्तिगत-पारिवारिक वर्चस्व को उपर्युक्त कथन के साथ जोड़ने पर अर्थ की सहज निष्पति हो जाती है |

डॉ. मनजीत सिंह
03.10.13


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आज का सुविचार

भारतीय समाज की स्वर्णिम पहचान पुनः कायम करने में सत्य-अहिंसा आज भी उतना ही मजबूत अस्त्र साबित हो सकता है, जितना गाँधी युग में था क्योंकि आज यत्र-तत्र सर्वत्र झूठ को आश्रय लेकर लोग अपनी अस्मिता को अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी रख रहें हैं, भले ही इसका प्रत्यक्ष क्षणिक लाभ भी ले रहें हों |

डॉ. मनजीत सिंह
02.10.13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

यदि भारत की आत्मा गाँवों में निवास करती हैं तो भारतीय संस्कृति की आत्मा का प्रतिबिम्ब देहाती औरतों में बनता है, जिसका प्रभाव अनवरत दिखायी देता है |

डॉ. मनजीत सिंह
30.09.13


      बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

मनुष्य अपने जीवन को सुखद बनाने के निमित्त सहज एवं सुगम प्रयास तो करता है लेकिन कठिन समस्या आने पर भयभीत हो जाता है और यही अज्ञात भय बाधक बनकर उसे अंत काल तक डराता रहता है |
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डॉ. मनजीत सिंह
29.09.13


बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

जब व्यक्ति खुश होता है, तब वह गाहे-बेगाहे "अति" की गिरफ्त में भी आ जाता है | इसके विपरीत जब वह उदास होता है, तो अपने आप को समाज-परिवार से कटा हुआ महसूस करने लगता है | परन्तु संतुलित व्यक्ति ही अपनी पहचान कायम रख पाता है |

डॉ. मनजीत सिंह
20/09/13


 बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

मानव स्वभाव की पहली छाया उसके व्यवहारों में प्रतिबिंबित होता है, जिसका अंतिम प्रतिबिम्बन उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व में स्पष्टतः परिलक्षित होता है |

डॉ. मनजीत सिंह
19/09/13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

जब कोई व्यक्ति अन्याय करता है , तो वाह्य तौर पर भले ही संतुष्ट हो जाय आंतरिक स्तर पर वह जीवनपर्यंत पछताता रहता है |

डॉ. मनजीत सिंह
01.10.13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

यदि भारत की आत्मा गाँवों में निवास करती हैं तो भारतीय संस्कृति की आत्मा का प्रतिबिम्ब देहाती औरतों में बनता है, जिसका प्रभाव अनवरत दिखायी देता है |

डॉ. मनजीत सिंह
30.09.13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

मनुष्य अपने जीवन को सुखद बनाने के निमित्त सहज एवं सुगम प्रयास तो करता है लेकिन कठिन समस्या आने पर भयभीत हो जाता है और यही अज्ञात भय बाधक बनकर उसे अंत काल तक डराता रहता है |
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डॉ. मनजीत सिंह
29.09.13


बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

मानव स्वभाव की पहली छाया उसके व्यवहारों में प्रतिबिंबित होता है, जिसका अंतिम प्रतिबिम्बन उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व में स्पष्टतः परिलक्षित होता है |

डॉ. मनजीत सिंह
19/09/13


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आज का सुविचार

जब किसी व्यक्ति का जीवन समस्याग्रस्त होता है , तो वह दोस्ती और दुश्मनी में फर्क करने में असमर्थ होता है | अतः परम मित्र का कर्तव्यनिर्वहन ही आवश्यक हो जाता है |

डॉ. मनजीत सिंह
17/09/13


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आज का सुविचार

मनुष्य की तीसरी शक्ति मनः मस्तिष्क द्वारा परिचालित होता है, जिसकी मारक क्षमता बहुत ही तीव्र होता है लेकिन अधिकांशतः व्यक्ति आक्रमण तब करते हैं जब समय बीत चुका होता है | यदि समय रहते समस्याओं पर प्रहार किया जाय, तो बगैर नुकसान के समाधान समयानुरूप हो जाता है |

डॉ. मनजीत सिंह

15/09/13


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आज का सुविचार

मनुष्य के अंदर कुछ ऐसे जन्मजात गुण होते हैं, जो उसे विशेष बनाने में सहायता करते हैं | लेकिन जो व्यक्ति उन गुणों को तराशकर आगे बढते हैं, वे स्वयं ही एक दर्जा ऊपर उठकर नेतृत्वकर्ता बन जाते है |

डॉ. मनजीत सिंह

11/09/13


बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

मनुष्य के जीवन में कभी-कभी ऐसा समय भी आता है कि वह पूर्णतः विचलित होकर समाज में स्थान निर्धारित करने का प्रयास करता है लेकिन वह उचित दिशा में नहीं चलता | अतः वही व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त करता है , जो इस विचलन को सहजतापूर्वक आत्मसात करते हुए कर्मपथ पर अगर्स्रित होता है |

डॉ. मनजीत सिंह

06/09/13


बिहाने-बिहाने

शिक्षक दिवस

गुरू समकालीक प्रभावों को आत्मसात करते हुए; परम्परा और आधुनिकता के साथ सामंजस्य बनाकर भावी पीढ़ी के जीवन में ज्ञान की ज्योति के माध्यम से समाज में सर्वत्र अलग पहचान कायम करने में समर्थ हैं | ऐसे गुरूओं को वंदन |

डॉ. मनजीत सिंह

05/09/13


बिहाने-बिहाने

समकालीन कविता

समकालीन साहित्य में कविताएँ भले कल्पनाओं और भावों की दृष्टि से थोड़ी हल्की नजर आये लेकिन यह कहने में तनिक भी हिचक महसूस नहीं हो रही है कि-ये नयी धारा का प्रतिनिधित्व करती हुई अपने पथ पर अग्रसरित हैं |

डॉ. मनजीत सिंह

01/09/13


बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

मुफ्त की सलाह, व्यर्थ की चर्चा और अधूरी बहस व्यक्ति के विकास में बाधक होते है |

डॉ. मनजीत सिंह
24/08/13


बिहाने-बिहाने

आज का सुविचार

जिस प्रकार प्रकृति का सौंदर्य पेड़-पौधों, पुष्प-कलियों, पर्वत-पहाड़ों से निर्धारित होता है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य का सौंदर्य उसके व्यक्तित्व को निर्मित करने में सहायक तत्वों..यथा-व्यव्हारकुशलता , रहन-सहन, हाव-भाव, अध्ययन-अध्यापन, आत्मविश्वास से निर्धारित होता है |

डॉ. मनजीत सिंह

01.07.13


बिहाने बिहाने

आज का सुविचार

सुनो सबका, करो अपना क्योंकि स्वतः मन से निकली आवाज को अनसुना करना उचित नहीं, इसे सुनकर ही कोई भी निर्णय लेने पर व्यक्तित्व का निर्धारण होता है।

डॉ. मनजीत सिंह

20.6.13


           

  



 

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