निजाम नगरी से
क्या करें ?
लोग कहते हैं ?
स्मार्ट बनो !
कारण से ज्यादा
कार्य करो
कुछ ने कहा
अरे भाई !
मैं तो हमेशा
ऐसा ही करता हूँ
क्या कहें आपसे अपनी पीड़ा ?
रोज माइग्रेन से
त्रस्त रहता हूँ
सोचता तो बहुत हूँ
करता कुछ भी नहीं
कभी तो करता इतना हूँ
कि
सोचने की शक्ति भी
जवाब दे जाती है
ऐसे ही ऊहापोह में
फँसते चले जाते हैं
न इधर होते हैं
न उधार होते हैं
जबकि
मझधार में फँसते चले जाते हैं|
१३ दिसंबर २०१२ हैदराबाद से
क्या करें ?
लोग कहते हैं ?
स्मार्ट बनो !
कारण से ज्यादा
कार्य करो
कुछ ने कहा
अरे भाई !
मैं तो हमेशा
ऐसा ही करता हूँ
क्या कहें आपसे अपनी पीड़ा ?
रोज माइग्रेन से
त्रस्त रहता हूँ
सोचता तो बहुत हूँ
करता कुछ भी नहीं
कभी तो करता इतना हूँ
कि
सोचने की शक्ति भी
जवाब दे जाती है
ऐसे ही ऊहापोह में
फँसते चले जाते हैं
न इधर होते हैं
न उधार होते हैं
जबकि
मझधार में फँसते चले जाते हैं|
१३ दिसंबर २०१२ हैदराबाद से
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