क्या नहीं कर सकती है नारी ?
अबला की बला को टाल सकती है नारी,
पुरुषवर्चस्व को चकनाचूर कर सकती है नारी,
छोटी चादर को बढाकर जीना सीखा सकती है नारी
समाज को आगे बढाकर स्वर्ग बना सकती है नारी,
सभ्यता को उज्ज्वल बना सकती है नारी
भारत से उड़ गयी सोने की चिड़िया को
पुनः वापस ला सकती है नारी
फिर हम क्यों कहते है कि-
नारी ये नहीं कर सकती,
वह नहीं कर सकती
जबकि सत्य यही है कि
कल्पना की उड़ान को पूरा कर सकती है नारी||
सादा पन्ना
सादा पन्ना था चौकौर
कोरे सन्देश को लेकर
ज्ञान की सरणी में
कुछ विचार देने को बैचैन
उदास मन से वह
परेशान रहता था
न कभी हँसता था
न कभी हंसाता था,
कोई इसे छेडता था तो
रूंधे गले से वह कहता-
भाई- मैं तो हो चला बूढा
लोगों ने तो नए को
इतना मान दिया कि
मेरा सम्मान खतरे में पड़ गया |
वह नहीं कर सकती
जबकि सत्य यही है कि
कल्पना की उड़ान को पूरा कर सकती है नारी||
सादा पन्ना था चौकौर
कोरे सन्देश को लेकर
ज्ञान की सरणी में
कुछ विचार देने को बैचैन
उदास मन से वह
परेशान रहता था
न कभी हँसता था
न कभी हंसाता था,
कोई इसे छेडता था तो
रूंधे गले से वह कहता-
भाई- मैं तो हो चला बूढा
लोगों ने तो नए को
इतना मान दिया कि
मेरा सम्मान खतरे में पड़ गया |
रूंधे गले से वह कहता-
भाई- मैं तो हो चला बूढा
लोगों ने तो नए को
इतना मान दिया कि
मेरा सम्मान खतरे में पड़ गया |
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