जी मचल उठता है
अँधेरे के आगमन से जी मचल उठता है
उजाला तो बस सपनों में ही दिखता है |क्या पता कब बरस पड़े काले-काले बादल
इसी उम्मीद से समय धीरे-धीरे बीतता है |
........डा.मनजीत सिंह......................
यूँ ही राते कट जायेगी
यूँ ही राते कट जायेगी ठिकाना पाने के लिए
मायूसी से मजबूर होकर भी गुजारा कर लेंगे |
............डा.मनजीत सिंह........................
बच्चे मन के सच्चे......
कार्यक्रम के दौरान इनके उत्साह देखकर अनायास शब्द मिले......जो सायास बन गया.....
भारत की तस्वीर है हमारे बच्चे
भारत की तकदीर है हमारे बच्चे
बदल देंगे दुनिया को एक पल में
ताकत से सराबोर हैं हमारे बच्चे ||
.........डा.मनजीत सिंह............
राष्ट्र हैं तो हम हैं........!!!
राष्ट्र की गरिमा को बढायें हम
विश्व में अपना परचम लहराएंगे हम
भारत के योगदान को दिखाएँगे हम
धूप हो या गर्मी, हर मौसम में
जलते हुए भी दीप जलाएंगे हम |
.डा....म...न...जी...त...सिं...
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