आसाराम बापू की गठरी को मध्यकाल की नजर में देखने पर
आसाराम की गठरी में नहीं रहा अब जोर
भक्त सगरी छूट गये भये अंध के अंध
जोर लगाए जात है काम-काज नहीं और
छींटाकशी का देत है उनको चहुँओर |
आसाराम की गठरी में नहीं रहा अब जोर
भक्त सगरी छूट गये भये अंध के अंध
जोर लगाए जात है काम-काज नहीं और
छींटाकशी का देत है उनको चहुँओर |
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