सोमवार, 24 जनवरी 2022

 #संकल्प_सृजन त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण 


खींचों न कमानों को न तलवार निकालो

जब तोप मुक़ाबिल हो तो अखबार निकालो ।।


अकबर इलाहाबादी ने तोप सदृश अंग्रेजी मानसिकता के विरोध में अख़बार के महत्व को  रेखांकित किया । उसका आधुनिक प्रतिरूप वर्तमान समय में प्रकाशित हो रहे पत्र-पत्रिकाओं में सहजतापूर्वक ढूढें जा सकते हैं । जब हम वर्तमान समाज की विद्रूपताओं को देखते हैं तो वही परिदृश्य क्रमशः दृष्टिगत होने लगते हैं । अंतर बस इतना है कि उस समय पीड़ा सर्वव्यापी थी आज इसका प्रभाव आंतरिक स्तर पर अधिक दिखाई देता है । इन्हीं प्रवृत्तियों को उजागर करने के लिए मीडिया का सहारा लिया जाता है । इनमें कल लोकार्पित संकल्प_सृजन त्रैमासिक पत्रिका का निहितार्थ इन्हीं उद्देश्यों में अन्तर्निहित है ।


बलिया जनपद के लिए यह गर्व का क्षण था । सर्वप्रथम संपादक आशीष त्रिवेदी सहित संपादक मण्डल के सदस्यों #रामजी तिवारी, शुभनीत कौशिक, डॉ. मनजीत सिंह, #शालिनी श्रीवास्तव, #अजय पाण्डेय सहित आवरण के लिए नम्रता द्विवेदी सहित समस्त सदस्यों को बधाई ।


लोकार्पण समारोह में रामजी तिवारी ने इस पत्रिका की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए  मुख्य अतिथियों का स्वागत किया । उन्होंने कहा कि-हम लोग विगत चार-पाँच वर्षों से इसकी योजना बनान रहे थे लेकिन सितंबर-अक्टूबर से शुरू हुई योजना के परिणाम के प्रभाव का आकलन  सुधी पाठकों को करना है ।


इस अवसर पर शुभनीत कौशिक ने लघु-पत्रिकाओं के इतिहास की विशद चर्चा राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया । जबकि अपने विशिस्ट वक्तव्य में डॉ जैनेन्द्र पाण्डेय ने इसे इलियट के रूचि परिष्कार से जोड़ते हुए पश्चिम एवं पूरब की अवधारणा के अनुरूप पत्रिकाओं की विकसित परंपराओं पर प्रकाश डाला ।


लघु-बनाम दीर्घ के बीच डॉ पी राज सिंह ने कहा कि-यह पत्रिका किसी भी दशा में लघु नहीं हो सकती । इसका कलेवर एवं इसमें अंतर्निहित बौद्धिक सामग्री लघु पत्रिका के मेयार को तोड़कर इसे एक दरजा ऊँचा स्थान प्रदान करती है । 


इस बीच वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्य-अध्येता अशोक जी नेब बड़े ही सधे शब्दों में कहा कि-जब कलम धरदार होगी तो निश्चित रूप में पाठक तक पहुँचकर सम्प्रेषण की समस्या से निजात मिल सकता है । अंत  सलीम रजा ने अपने विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय ने कहा कि-यह पत्रिका अपने मजबूत टीम के साथ अपनी बाधाओं को तोड़कर सामाजिक उन्नयन में अपना योगदान देगी ।

संकल्प_सृजन का यह प्रवेशांक कुल तीस रचनाकारों के साझा प्रयासों का प्रतिफल है । मौलिकता इसकी आत्मा है । इस समृद्ध अंक में Shubhneet Kaushik , Ramji Tiwari , #प्रियदर्शन, से लेकर Jyotish Joshi , Amitesh Kumar , Pramod Kumar Tiwari ,  Mahesh Punetha , Nirala Bidesia , Jainendra Pandey  के साथ ही असित कुमार मिश्र  की लघु कहानी सहित #विमल_चंद्र_पाण्डेय का उपन्यास अंश पठनीय है । 


आप इस पत्रिका से जरूर जुड़ें एवं अपना सुझाव देकर प्रोत्साहित करें ।


विशेष आकर्षण संलग्न ।


कुछ फोटो एवं मीडिया कवरेज

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