वीर पुत्र हुआ बदनाम
नाम हुआ बदनाम
काम करें किसी भी हद तक
ईमान लेकर चलें
तलवार के धार पर भी
अर्पित कर दे जीवन को
मिलता बहुत कम |
कभी घोड़े पर सवार होकर
नदी पार करने की लालसा लेकर
चलता चला जा रहा था वीर पुत्र !
अभिमन्यु भी नहीं तोड़ पाया
अभेद्य दीवार...........!
अर्जुन को कर्म का सन्देश देकर
कृष्ण करते रहे गुणगान |
नहीं रहा वह भाईचारा |
आमदा रहे बलिदान देकर
कलंक के किनारा नहीं मिला
अंत समय में युधिष्ठिर भी
गवां बैठे कीमती अंगूठा |
नाम ही तो था उनका
बदनामी के कलंक से
जीवित होकर भी नहीं बचे |
१३ अप्रैल १३
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