गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

सोना रे सोना

सोना रे सोना


सोना का सस्ता होना आर्थिक दृष्टि से कितना उचित है, यह तो समय ही बताएगा | लेकिन माध्यम वर्ग से थोडा ऊपर जीवन-यापन करने वाले परिवारों की चांदी है | बाजार में निवेशक हैरान है, सराफा परेशान हैं | ऐसा भी सुनने में आया है कि-विश्व के कुछ देश (जहाँ सोने की बहुतायत है) अपनी आर्थिक व्यस्था सुदृढ़ कर्ण के लिमित्त सोने को आधार बनाने वाले हैं | भारत सरकार को चाहिए कि-सोने का भंडारण इतना कर ले कि भविष्य में करेंसी जारी करने में असुविधा न हो | खैर काली करेंसी जारी करने वालों को तो यह सलाह भी देना जरूरी नहीं |


मनोरंजन  


वैश्विक प्रभाव तले मनोरंजन प्राप्त करने के तरीकों में आये बदलावों के चलते आम जनजीवन त्रस्त है | चूंकि मनोरंजन समाज के प्रत्येक व्यक्तियों में अलग-अलग रूप में अपना आश्रय लेती रही है | कहीं यह साहित्य को, कहीं सिनेमा को, कहीं खेल को , कहीं भ्रष्टाचार को तो कहीं हवस को व्यक्ति अपना साधन बनाते हुए सुख-दुःख प्राप्त करता है | सभी की यही कोशिश रहती है कि-वह सुख और आनंद ही प्राप्त करे | इससे आगे आनंद सुख पर भारी पड़ता है | सुख और आनंद के इस युद्ध में विजय किसी की भी हो दुखी वही होता है, जिसके पास मनिरंजन के तथाकथित साधनों का अभाव रहता है |

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