1
घाव कुरेदकर दर्द बढ़ाने वाले खूब मिल जायेंगे काश कोई मरहम लगाने का गुर सिखा जाता ||
*******डॉ. मनजीत सिंह***********
19/11/13
२
अब तो मजबूर हूँ, अक्ल के दुश्मनों से
दोस्ती के बहाने दुश्मनी कायम रखते हैं ||
देते रहते हैं उपहार, दुःख की गगरी भरकर
राह चलते ही आँखे चार किया करते हैं ||
*******डॉ. मनजीत सिंह***********
20/11/13
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