शनिवार, 10 मार्च 2012

परिवर्तनशील भारत की तस्वीर

परिवर्तनशील भारत की तस्वीर

 आज भारत में एक ऐसा वर्ग हैं जो अपना जीवन यापन केवल सरकार के भरोसे कर रहा हैं . यह वर्ग  अभी भी प्राथमिक तौर पर एक ऐसे परिवार से जुड़ा हुआ हैं, जिनकी ओर सरकार का ध्यान कम ही जाता हैं .
इसी कारण हमने ऐसा महसूस किया कि साहित्य में इन बच्चों को शामिल करके उनके परिवार से जुड़ी समस्याओं  को सार्वजनिक करके समाज के बोझ को कुछ  हल्का कर सकूँ .यदि इस हासिये के साहित्य पर  कुछ लोग अपनी नजर डालेंगे  तब मेरा और नन्हें मुन्ने बच्चों का प्रयास सार्थक होगा |इन्ही आशा के साथ मैं अपने इस साहित्यिक कोने में कविता, कहानी और आलेख को मुख्य रूप से शामिल किया हूँ . इससे एक तरफ इन बच्चों को एक मंच  प्रदान होगा, तो दूसरी तरफ साहित्य के वास्तविक उद्देश्य  की पूर्ती होगी. क्योंकि मेरा यह मानना हैं कि साहित्य वह नहीं जो पांच सितारा होटल में बैठकर लिखा जाय अपितु साहित्य वह हैं , जो आम जनता के बीच से अपना तत्व  ग्रहण करे. इसी कारण इसमें गाँव की सोंधी महक भी मिलेगी, धान, गेहूँ, सरसों की हरियाली भी मिलेगी, हिमालय की तरह अटल, गंभीर और परिवर्तीनशील विचार भी मिलेंगे.
शेष कल .......

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