बुधवार, 24 अप्रैल 2013

नश्वर जीवन

नश्वर जीवन


मन के कोने से आवाज निकली
तू क्यों रहता खोये-खोये से
देखकर तुमको अजीब लगता
कभी तो चैन की साँस ले लिया कर ||
नश्वर शरीर बड़े जोश में कहा-
मुझे क्या लेना तुमसे
मेरा तो तर्पण है धरती है
अर्पण करता हूँ आकाश को जल से
सूर्य की गर्मी(अग्नि) से तपकर
धारण करता हूँ जीवन ||
१३/०४/१३
अतिथि के स्वागत के दौरान.....!

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