शनिवार, 27 नवंबर 2021

पहली बार

 कुछ सुधार के बाद पुनःप्रस्तुत


पहली बार 


पहली बार 

खड़ी फसल की

लहलहाती बालियों से 

साँय-साँय निकलती आवाज 

चिलचिलाती धूप में 

सहज शीत-लक बनती |


पान की गिलौरी..

मुँह में मिठास घोलकर 

कभी-कभी 

बचपन की याद

दिलाती रही--


पहली बार 

गेहूँ कटते समय

पनहेरी की गठरी देखकर 

लार टपकने लगा |


कत्था=कसैली की कड़वाहट भी

नयी उमंगों से कुलांचे भरकर 

अनुभव की आधारशिला 

बनाती रही |


पहली बार 

मेड़ पर चलते हुए एहसास हुआ 

बचपन में असीम आनन्द का

हरे-भरे निराले खेत देख-देख ।


पहली बार

ताल की काली माटी में

सोना के भस्म का दीदार कर

मन आह्लादित हुआ ।


हाँ-हाँ जीवन के 

इस कृशकाय काया में

प्रवेश कर गयी उस धरा की

कभी न सधने वाली सोंधी महक...


पहली बार-पहली बार


क्रमशः 


डॉ. मनजीत सिंह

27/11/13

27/11/21

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